Sunday, January 8, 2012

या देवी सर्वलोकेषु आईटी रूपेण संस्थिता........



कुछ दिनों पूर्व टाइम्स ऑफ इंडिया समाचार पत्र में मि. जॉन चैम्बर्स, जो प्रमुख आई.टी. कम्पनी  Cisco के चेयरमैन व मुख्य कार्यकारी हैं , का 'We are at the beginning of a new intelligent IT wave' शीर्षक से एक अंग्रेजी लेख पढ़ा व इसे पढ़कर मैं काफी प्रभावित हुआ। इस लेख में लेखक ने भारत देश में सामुदायिक,औद्योगिक व आर्थिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय परिवर्तन लाने में आधुनिक आईटी की अद्भुत क्षमता की विस्तृत व सटीक चर्चा की है।

मि. जॉन चैम्बर्स का कहना है कि आधुनिक इन्टेलीजेन्ट नेटवर्क की अंदरूनी अगाध क्षमता के कारण सूचना तकनीकी अब मात्र एक कार्यव्यवसाय में सहयोग करने वाली सामान्य तकनीकी ही नहीं अपितु यह स्वयं ही एक उद्योग तकनीकी का रूप धारण करती जा रही है,जिससे कि लोगों के साथ-साथ काम करने के नवीन व नवसृजनात्मक तरीकों का उद्भव हो रहा है और इसकी सहायता से  उत्पादन व नवाचारों(Innovations) के असीम नये अवसर मिल रहे हैं।

आज सभी आईटी सेवा प्रदान करने वाली कंपनियाँ अपने वर्चुअल डाटा केंद्रों के माध्यम से अति सुरक्षित व कार्यकुशल क्लाउड की स्थापना कर रही हैं जिनके माध्यम से कोई भी आईटी संसाधन कहीं भी किसी भी व्यक्ति,नागरिक,व्यावसायिक केंद्र या सरकारी विभाग या कार्यालय को सहज व यथा-आवश्यकता उपलब्ध कराना संभव हो रहा है।

नेटवर्क्ड विडियो तकनीकी की सहायता से हम कहीं भी और किसी से भी आमने-सामने बात व संवाद कर सकते हैं।इसके अतिरिक्त सोसल वेब के अभूतपूर्व हो रहे विस्तार से विश्व-सामुदायिक ज्ञान व विचारों के आपसी आदानप्रदान व सामूहिक जोश व संगठित होती ऊर्जा के कारण समस्याओं के निराकरण हेतु अकल्पनीय आधुनिक तरीकों व नवाचारों के प्रकट होने की संभावना, न केवल तकनीकी क्षेत्र में बल्कि सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में भी विश्वक्षितिज पर स्पष्ट दिखायी दे रही हैं।

लेखक का मानना है कि आधुनिक आईटी की अंदरूनी असीम क्षमता के सही व समुचित उपयोग से भारत जैसे उभरते , व वर्तमान में प्रशासनिक,राजनीतिक,सामाजिक,आर्थिक व संरचनागत विभिन्न चुनौतियों व समस्याओं का सामना कर रहे,  देश के विकाश व उन्नति के सपने को निश्चय ही साकार किया जा सकता है। इसके माध्यम से भारत के छ: लाख गावों मे रहने वाले ग्रामीण नागरिकों को आपस में,सरकारी व उद्योगतंत्र से सीधे जोड़ना सहज संभव होगा।इस तरह उनकी मूलभूत आवश्यकताओं- स्वास्थ्य,शिक्षा, रोजगार संबंधित, को पूरा करने में आधुनिक आईटी बड़ा ही मददगार सिद्ध हो सकती है।

इसके माध्यम से कहीं से कोई भी मरीज अपने उपचार हेतु देश में कहीं भी उपलब्ध कुशल डाक्टर से सलाह और विशेष चिकित्सा सेवा प्राप्त कर सकता है।इसकी सहायता से कोई भी किसान,कारीगर अपने उत्पाद को कहीं भी उचित दाम पर बेच सकता है। इस तरह इंटेलिजेंट नेटवर्क आधारित नवीन आईटी भारत के सभी नागरिकों की डिजिटल भागीदारी व समतागत विकाश में व देश के मानवविकाश इंडेक्स में प्रभावी सुधार लाने में उल्लेखनीय व प्रभावी भूमिका प्रदान कर सकती है।

आईटी हेतु आवश्यक संरचनात्मक सुविधाओं की स्थापना हेतु में देश में अच्छी व सकारात्मक उन्नति हुई है। लेखक का मानना है कि वर्ष 2015 तक भारत में 30 करोड़ नये मोबाइल फोन खरीदे जायेंगे और फेसबुक जैसे सोसलनेटवर्क के उपयोग में भारत विश्व में प्रथम होगा, जिससे लोगों को विचारों व कार्यव्यवसाय के साझाकरण में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और यह देश के सम्मिलित विकाश में क्रांतिकारी सिद्ध होगा।

मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में हाल ही में विडियोबेस्ड स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध करायी गयीं हैं,जिससे दूर देहात के लोग बिना यात्रा की झंझट उठाये सरकारी जिला अस्पताल में बैठे डाक्टर से इलाज करा सकते हैं।पायलट परियोजना के रूप में शुरू की गयी यह सरकारी चिकित्सा सेवा लोगों में बहुत सफल व प्रसिद्ध हो रही है।कर्नाटक सरकार ने भी क्लाउडवेस्ड शिक्षण प्लेटफॉर्म की सहायता से कुशल शिक्षकों के अभाव की समस्या से निपटने व सर्वशिक्षा अभियान में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। भारतसरकार इन सफल उदाहरणों को देश के अन्य राज्यों में भी शुरु करने हेतु गंभीरता से विचार व कार्ययोजना बना रही है।

लेखक का मानना है कि आधुनिक आई.टी. से आम नागरिक की न सिर्फ सामाजिक व सूचना भागीदारी संभव है, अपितु सबकी वित्तीय साझेदारी भी समान रुप से संभव है।बैंकों द्वारा दूर-देहात क्षेत्रों में भी एटीयम प्रणाली की स्थापना इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।अमरीका के कुछ राज्यों में बैंकों ने विडियो नेटवर्क की सहायता से  सूदूर कस्टमर्स हेतु विशेष वित्तीय व बैंकिंक सेवायें उपलब्ध करायी हैं। भारत में भी इसी तरह ये सुविधायें सहज रूप से उपलब्ध करायी जा सकती हैं।

इस तरह आधुनिक आईटी के रुप में भारत के पास अति महत्वपूर्ण व उपयोगी संसाधन उपलब्ध है, जिसका सही नेतृत्व,वातावरण व उचित भागीदारी व सामंजस्य की उपस्थिति में समुचित उपयोग करते हुये निश्चय ही एक विकसित, सुखसंपन्न व सुशासनपूर्ण भारत राष्ट्र निर्माण का सपना साकार किया जा सकता है।

5 comments:

  1. आपके लेख से सहमत हूँ पर इतना उन्नत होते हुवे भी आई टी के क्षेत्र में देश में मूल भूत समस्याएं बनी हुयी हैं ... तो इसका कारण कुछ न कुछ तो है ... आई टी के प्रयोग से कितना कुछ बदला जा सकता है पर देश में ये हो नहीं प रहा ... शायद इस बात के मूल में जाने की जरूरत है आज ...

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  2. जो किसी भी कारणवश पर्दों के पुजारी हैं, उन्हें कहाँ अच्छा लगता है तन्त्र का खुल जाना।

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  3. बढ़िया आलेख पढ़वाया..समझाया आपने।

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  4. क्‍लाउड अनुभव और सुविधा की प्रतीक्षा है.

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  5. राजनैतिक इच्‍छाशक्ति में परिवर्तन हो जाए तो नवीन विज्ञान भारत को नवीन क्षितिज प्रदान कर सकता है। अच्‍छा आलेख।

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